Wednesday, 28 July 2021

जर्मनी : सोमाली आप्रवासी ने ‘अल्लाह-हू-अकबर’ चिल्लाते हुए लोगों पर चाकू से किया हमला, 3 की मौत


जर्मनी के वुर्जबर्ग शहर में शुक्रवार (25 जून) को एक सोमाली आप्रवासी ने चाकू से लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। यह हमला शाम करीब पाँच बजे शहर के बीचों-बीच बार्बरोसा स्क्वायर में हुआ।

रिपोर्टों के अनुसार, आरोपित की पहचान सोमालिया के 24 वर्षीय आप्रवासी के रूप में हुई है। वह 2015 से वुर्जबर्ग शहर में रह रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आरोपित के पास एक बड़ा चाकू था जिसका इस्तेमाल उसने राहगीरों पर हमला करने के लिए किया। हमले में एक बच्चे और उसके एक अभिभावक समेत तीन लोगों की मौत हो गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पीड़ितों पर हमला करने से पहले आरोपित ने ‘अल्लाह-हू-अकबर‘ के नारे लगाए।

इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी जूलिया रन्ज ने बताया, “हमलावर के पास एक बहुत बड़ा चाकू था और वह लोगों पर हमला कर रहा था। फिर कई लोगों ने उस पर कुर्सियाँ, छाते, सेलफोन फेंककर उसे रोकने की कोशिश की। फिर पुलिस पहुँची और ऐसा लगता है कि गोली भी चलाई गई।” लोअर फ्रैंकोनिया पुलिस के अनुसार आरोपित के पैर में गोली मारने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक शख्स बैग का इस्तेमाल कर आरोपित को काबू करने की कोशिश कर रहा है। वीडियो में सोमाली आप्रवासी को नंगे पाँव और हाथ में एक बड़ा चाकू लिए हुए देखा गया।

एक अन्य वीडियो में बार्बरोसा स्क्वायर पर लाठी एवं कुर्सियाँ लिए हुए स्थानीय लोगों को हमलावर का पीछा करते हुए देखा गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अब कोई दूसरा संदिग्ध नहीं है। पुलिस ने बताया कि आरोपित पीड़ितों को नहीं जानता था और चाकू से हुए इस हमले के पीछे के मकसद की जाँच की जा रही है।

बवेरिया के सुरक्षा अधिकारी जोचिम हेरमैन ने इस घटना के बारे में बात करते हुए कहा कि पुलिस को आरोपित की जानकारी थी। हेरमैन ने कहा, “हाल के महीनों में उसकी हिंसक प्रवृत्तियों सहित उसकी स्थिति पर नजर रखी जा रही थी और कुछ दिनों पहले ही उसे अनिवार्य मानसिक उपचार के लिए भेजा गया था।” हेरमैन ने बताया कि हमले के पीछे ‘इस्लामी कट्टरपंथ’ से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोपित को ‘अल्लाह हू अकबर’ चिल्लाते हुए सुना था।

उन्होंने बताया, “यह हमला एक संभावित ‘इस्लामी कट्टरपंथी मकसद’ की ओर इशारा करता है, जो जाँच का एक हिस्सा है।” उन्होंने कहा कि तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य 5 घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि यह नहीं पता है कि हमले के बाद वे कब तक बचे रहेंगे।

वुर्जबर्ग 1,30,000 लोगों की जनसंख्या वाला एक शहर है और म्युनिख एवं फ्रैंकफर्ट के बीच स्थित है। जर्मनी ने साल 2015 में गरीबी से जूझ रहे और युद्धग्रस्त देशों के शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएँ खोल दी थीं। संयोग से आरोपित उसी साल वुर्जबर्ग शहर में रहने के लिए आया था।

यूरोप में प्रवासी संकट के दौरान जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने घोषणा की थी कि शरणार्थियों को रखने के लिए देश के पास पर्याप्त ‘आर्थिक ताकत‘ है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि देश में आने वाले शरणार्थियों के लिए कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। हालाँकि, इस मामले में संघीय राज्यों से परामर्श न करने के कारण मर्केल आलोचनाओं की शिकार भी हुई थीं। जर्मनी में शरणार्थियों के लगातार आने के बाद कई रिपोर्ट्स में यह बताया गया था कि शहरों में अपराध में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। फरवरी 2016 में सरकार ने यह भी स्वीकार किया था कि लगभग 13% शरणार्थियों की जानकारी सरकार के पास नहीं है और ये या तो अवैध रूप से देश में रहने लगे या दूसरे यूरोपीय देशों में चले गए।

Tuesday, 27 July 2021

पाकिस्तान : अब्दुल ने कॉलर पकड कर हिंदू लडके को धमकाया, दिलवाई हिंदू भगवानों को गाली


अब्दुल सलाम अबु दाऊद

सोशल मीडिया पर एक बेहद चौंकाने वाली वीडियो सामने आई है। वीडियो में एक पाकिस्तानी मुस्लिम हिंदू लड़के से अल्लाह-हू-अकबर बुलवा रहा है और साथ में उसे हिंदू देवी-देवताओं को गाली देने के लिए मजबूर कर रहा है।

वीडियो को फेसबुक यूजर प्रकाश हिरानी ने अपलोड किया। आरोपित की पहचान अब्दुल सलाम अबु दाऊद के रूप में हुई है। देख सकते हैं कि उसने कैसे एक हिंदू लड़के को पकड़ा हुआ है और उससे अल्लाह-हू-अकबर बुलवा रहा है। इसके बाद वीडियो में दिखता है कि जब लड़के ने यह बोल दिया तो वो उससे कहता है कि वो हिंदू देवी देवताओं को भी गाली दे।

अब्दुल को कहते सुना जा सकता है, “दे गाली अपने भगवान को दे गाली…चिल्ला अल्लाह- हू-अकबर, चिल्ला अल्लाह-हू-अकबर। भगवान को गाली दे। बहन की माँ की गाली दे। बोल तेरा भगवान बह%$& है। बह*&^% पाकिस्तान में गंद डाल रखा है तुम लोगों ने।”

रहीम यार खान का निवासी अब्दुल सलाम ने यह वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड की थी। कैप्शन में लिखा था, “पाकिस्तान में मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार।” सोशल मीडिया पर तमाम गाली पड़ने के बाद अब्दुल ने इस वीडियो को यूट्यूब से डिलीट कर दिया है लेकिन फेसबुक व अन्य जगह ये वीडियो तेजी से शेयर हो रही है।

यूट्यूब के कमेंट सेक्शन में भी अब्दुल हिंदू भगवानों के लिए गंदी गंदी गाली देता देखा जा सकता है। वह हिंदू भगवानों को समलैंगिक बताकर, देवियों को रेप पीड़िता आदि कह रहा है।

एक वीडियो और थी जिसमें दाऊद को हिंदुओं के नरसंहार की धमकी देते भी सुना गया। यह वीडियो अप्रैल में पोस्ट की गई थी। इसमें उसने कहा, “अगर हम पाकिस्तान में हिंदुओं को मारना शुरू करते हैं तो इसमें केवल 30 मिनट लगेंगे … हम हिंदू पुरुषों को मारेंगे और हिंदू महिलाओं को ले जाएँगे। हम इन महिलाओं से बच्चे पैदा करेंगे और उन्हें ‘मुजाहिद’ (लड़ाकू/इस्लामी आतंकवादी) बना देंगे। हमारे साथ खिलवाड़ मत करो हमारे भारत में बहुत सारे लोग (मुसलमान) हैं जो तुमको (हिंदुओं को) मारने में समय नहीं लेंगे।”

फरवरी 2019 में पोस्ट किए गए एक वीडियो में, उसे राजू कृष्णन नाम के एक हिंदू बच्चे को डराते हुए देखा गया था। वीडियो में देखते हुए उसने कहा था, “यह बच्चा एक हिंदू है। मैं चाहूँ तो इस बच्चे के साथ बहुत कुछ कर सकता हूँ। लेकिन अगर मैं इसे पीटूँ या मारूँ, तो क्या फायदा होगा?” इसके बाद दाऊद ने बच्चे के साथ मारपीट न करने के अपने फैसले के बारे में शेखी बघारते हुए कहा कि उसके इस रवैये से यह साबित हुआ कि वह एक नेक इंसान है और भारत बेगैरत है।

दाऊद के फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, वह फिलहाल पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद में रहता है और थार-कोयला परियोजनाओं में कार्यरत हैं। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के नियमों और शर्तों का उल्लंघन करने के लिए उसके ट्विटर प्रोफाइल को निलंबित किया जा चुका है। लेकिन हमारी रिपोर्ट लिखने तक उसका इंस्टा अकॉउंट एक्टिव है।

Saturday, 24 July 2021

कर्नाटक : मुस्लिम नाबालिग और दलित युवक की सिर कुचलकर बेरहमी से हत्या, , फरार हैं लडकी के परिजन


कर्नाटक के विजयपुरा जिले के सलादाहल्ली में मंगलवार (जून 22, 2021) को संदिग्ध ऑनर किलिंग का एक मामला उजागर हुआ है। वहाँ ग्रामीणों को 19 वर्षीय दलित युवक बासवराज बडिगेरी (19) और लगभग 16 साल की नाबालिग लड़की के शव मिले। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों शवों के सिरों को बुरी तरह पत्थरों से कुचल दिया गया था। आसपास खून के निशान थे और शव भी वहीं पड़ा था। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि दोनों ही अलग अलग धर्म से थे और इनके परिवार वाले इनके रिश्ते के ख़िलाफ़ थे।

ग्रामीणों के अनुसार, इन हत्याओं में दोनों परिवार में से किसी एक का हाथ हैं। इस मामले को कालकेरी पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस की प्राथमिक जाँच में भी यह बात निकल कर आई है कि मामला ऑनर किलिंग से जुड़ा हुआ है।

कर्नाटक पुलिस ने शुरूआती छानबीन में पाया कि दोनों का शव मिलने के बाद से मुस्लिम लड़की के घर के सदस्य, उसके अब्बू, उसके भाई जान और दो रिश्तेदार फरार हैं। ऐसे में संभव है कि अपराध उनके द्वारा ही किया गया हो।

इस मामले के संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आई है। एक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया है कि एफआईआर के अनुसार दोनों का हाथ बाँधकर उन्हें पत्थरों और डंडो से मारा गया। मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।