Tuesday, 29 May 2018

पाकिस्तान में हिन्दुओं व अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी

पाकिस्तान में हिन्दुओं व अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होनेवाले अत्याचारों के विरोध में उठनेवाली आवाजों के बावजूद वहां इस दुष्चक्र का जारी रहना इस तथ्य का मुंह बोलता प्रमाण है कि पाकिस्तान सरकार ने अपने देश के अल्पसंख्यकों के प्रति किस कदर उदासीनतापूर्ण रवैया अपना रखा है !
जहां पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना भारत में अपने पाले हुए आतंकवादियोंद्वारा लगातार हिंसा करवा रही है वहीं दूसरी ओर विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए हिन्दू, सिख, ईसाई, हाजरा व अहमदिया अल्पसंख्यकों के विरोध में हिंसा, धर्मांतरण, नाबालिग अल्पसंख्यक कन्याओं के अपहरण, बलात्कार व जबरन विवाह का सिलसिला जारी है !
पाकिस्तान में अहमदियों की धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगी हुई है । अल्पसंख्यकों से बेगार करवाई जाती है और उनपर अत्याचार किया जाता है जिससे उनकी मौत तक हो जाती है ! उन्हें न आसानी से रोजगार मिलता है और न अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण ! यही नहीं विद्यालयों में अल्पसंख्यकों के विरोध में नफरत का पाठ पढाया जाता है । मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ हयूमन राइट्स इन २०१७’ के अनुसार, ‘‘देश की सेना की आलोचना या भारत से अच्छे संबंधों की वकालत करने के कारण पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का गायब होना जारी है ! ईश निंदा के झूठे आरोपों ने उन्हें चुप रहने पर मजबूर कर दिया है !’’
‘‘सरकार के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार व हिंसा रोकने में असफल रहने के कारण वहां इनकी संख्या घट रही है । चरमपंथी पाकिस्तान की विशेष इस्लामिक पहचान बनाने पर आमादा हैं व सरकार ने उन्हें पूरी छूट दे रखी है !’’ अकेले सिंध प्रांत में ही २०१० से अब तक १२०० से अधिक लोगों का अपहरण किया जा चुका है और हालत यह है कि ५ हिन्दुओं सहित अकेले मई, २०१८ में ही अल्पसंख्यक समुदाय के १३ लोगों की हत्या की गई । इसी वर्ष २५ मार्च को सिंध के मातली जिले में ५०० हिन्दुओं को इस्लाम कबूल करवाया गया । इनमें अधिकांश वे लोग थे जो भारत में शरण लेने आए थे परंतु दीर्घावधि वीजा न मिलने के कारण उन्हें पाकिस्तान लौटना पडा !
पाक में अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों के ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
  • १७ दिसम्बर, २०१७ को पाकिस्तान के हांगू जिले में रहनेवाले सिखों ने आरोप लगाया कि स्थानीय अधिकारियोंद्वारा उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए विवश किया जा रहा है व उन पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं ! २२ दिसम्बर को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक हिन्दू किशोरी के अपहरण के बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया । १० मार्च, २०१८ को बलूचिस्तान के नासिराबाद में अज्ञात हमलावरों ने जानिया कुमारी नामक हिन्दू महिला को कुल्हाडी से काट डाला ! ०५ अप्रैल को सिंध के डारो कस्बे में बंदूक की नोक पर एक हिन्दू बालक के अपहरण के बाद उसके साथ सामूहिक कुकर्म किया गया !
  • ०९ मई को शिकारपुर पुलिस ने एक हिन्दू व्यापारी चुन्नी लाल का सिर मुंडवा दिया । उसकी मूंछें और भौंहें भी काट दी गईं ! उस पर यह आरोप लगाया गया कि वह ब्याज पर पैसे उधार देता है । १३ मई को बलूचिस्तान प्रांत में एक हिन्दू व्यापारी जयपाल दास और उसके बेटे गिरीश नाथ की हत्या कर दी गई । १९ मई को कराची में ईसाई समुदाय के नेताओं ने आरोप लगाया कि ३० मार्च से अब तक नकाबपोश सुरक्षा अधिकारी उनके समुदाय के २४ युवकों को कराची के निकट से उठा कर ले गए !
  • २४ मई को स्यालकोट में ६०० उपद्रवियों की भीड़ ने रात ११ बजे अहमदिया समुदाय की एक बंद पडी मस्जिद पर हमला करके इसे ढहा दिया ! २५ मई को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर खास शहर के वकील हीरा लाल का अपहरण करके अज्ञात हमलावर किसी गुप्त स्थान पर ले गए । पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर वहां की सरकार और सेना की शह पर किए जानेवाले अत्याचारों के ये तो चंद नमूने मात्र हैं !
इनके अलावा भी न जाने कितनी घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आ पाईं !
इस बीच पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों के विरोध में वहां के अल्पसंख्यकों ने ‘साऊथ एशिया मायनारिटीज अलायंस फाऊंडेशन’ नामक एक संगठन बनाया है जिसे अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सांसदों का समर्थन भी प्राप्त है !
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद तथा अमरीकन सैंटर फार लॉ एंड जस्टिस ने कहा है कि ‘‘ईसाइयों को उनकी आस्था की खातिर पाकिस्तान में मारा-पीटा जा रहा है, उनपर अत्याचार किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है अत: दुनिया के नेताओं को पाक के विरोध में तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए !’’ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होनेवाले अत्याचारों के विरोध में उठनेवाली आवाजों के बावजूद वहां इस दुष्चक्र का जारी रहना इस तथ्य का मुंह बोलता प्रमाण है कि पाकिस्तान सरकार ने अपने देश के अल्पसंख्यकों के प्रति किस कदर उदासीनतापूर्ण रवैया अपना रखा है ! – विजय कुमार
स्त्रोत : पंजाब केसरी

Sunday, 6 May 2018

बांग्लादेश में जिहादियों ने हिन्दू दुकानदार को दुकान से बाहर निकालकर दुकान को कब्जे में लिया !



ढाका : बांग्लादेश के खुलना जिले के दुलटपुर पुलिस थाने के कार्यक्षेत्र में स्थित चंद्र ज्वेलरी के मालिक श्री. नीतीचंद्र दत्ता ने अब्दुल हकीम हवालदार के मुल्ला शॉपिंग केंद्र में आभूषणों की दुकान खरीदकर वहां अपना व्यवसाय आरंभ किया था।
कुछ दिन पश्‍चात सोने की बिक्री से संबंधित उधार रही २५ लाख टका (बांग्लादेशी चलन) की धनराशि का भुगतान करने में समस्या आने से श्री. नीतीचंद्र ने अजीज नामक व्यक्ति से ८ लाख टका कर्ज लिया; परंतु बाजार समिति की सदस्यों ने श्री. नीतीचंद्र दत्ता को शेख अजीज को १५ लाख टका ऋण का भुगतान करना चाहिए, इस आशय के झूठे कागदपत्र बनाए। श्री. नीतीचंद्र दत्ताद्वारा इतनी बडी धनराशि का भुगतान करना अस्वीकार किए जाने से शेख अजीत, शेख अस्लम एवं शेख कम्रुजमन ने चंद्र ज्वेलरी नामक दुकान में स्थित आभूषणों को अपने नियंत्रण में कर लिया एवं उन्हें दुकान से बाहर निकाल दिया। श्री. नीतीचंद्र दत्ता जब इस प्रकरण का परिवाद प्रविष्ट करने पुलिस थाना पहुंचे, तब पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बिना किसी कारण ही मारपीट की !
१. बांग्लादेश के हिन्दुओं के न्यायिक अधिकारों के लिए संघर्ष करनेवाले बांग्लादेश माईनॉरिटी वॉच के अध्यक्ष श्री. रवींद्र घोष ने घटनास्थल का अवलोकन कर संबंधित पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत की; परंतु उन्हें कोई ठोस आश्‍वासन नहीं दिया गया।
२. पुलिस प्रशासनद्वारा कुछ आरोपियों को बंदी बनाने के पश्‍चात न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी। अब ये आरोपी स्थानीय सांसद के संपर्क में हैं एवं वे इस पीडित दुकानदार पर दबाव डाल रहे हैं !
३. बांग्लादेश माईनॉरिटी वॉच की ओर से इस घटना की निंदा की है एवं झूठे कागदपत्र बनाना एवं श्री. नीतीचंद्र दत्ता को उनके दुकान से अवैधरूप से बाहर निकाल देने के आरोप में संबंधित आरोपियों के विरोध में कठोर कार्रवाई की मांग की है।

Saturday, 5 May 2018

बांग्लादेश में असुरक्षित हिन्दू : अज्ञातों ने की हिन्दू महिला की गला काटकर हत्या !


बांग्लादेश में असुरक्षित हिन्दू : अज्ञातों ने की हिन्दू महिला की गला काटकर हत्या !

ढाका : बांग्लादेश के जेनाईदहा जिले के शिबनगर दासपारा गांव में अज्ञातों ने मिला रानी दास नामक वयस्क हिन्दू महिला की गला काटकर हत्या की । बांग्लादेश के हिन्दुओं के न्यायिक अधिकारों के लिए संघर्ष करनेवाले बांग्लादेश माईनॉरिटी वॉच के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष ने यह जानकारी दी । इस प्रकरण में २ संदिग्ध आरोपियों को बंदी बनाया गया है एवं आगे का अन्वेषण किया जा रहा है ।
१. अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोषद्वारा दी गई जानकारी के अनुसार श्रीमती मिला रानी दास २८ अप्रैल २०१८ की दोपहर ४ से ४.३० की अवधि में स्नान करने हतेु चित्रा नदी पर गई थीं । तब अज्ञातोंने वहां धारदार शस्त्र से गला काटकर उनकी हत्या की गई । इस प्रकरण में श्री. बिजेनकुमार दासद्वारा अपराध प्रविष्ट किए जाने पर पुलिसकर्मियों ने २ लोगों को पूछताछ के लिए अपने नियंत्रण में ले लिया; परंतु पुलिसकर्मियों ने उनके नाम बताए नहीं किए !
२. इस घटना की जानकारी मिलने पर अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष ने संबंधित पुलिस थाना अधिकारियों से एवं जिला पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर आरोपियों को तुरंत ढूंढकर उनके विरोध में विधिजन्य कार्रवाई करने की मांग की !


आज बांगलादेश इस्लामबहुल राष्ट्र है इसलिए वहां अल्पसंख्यक हिन्दुआेंपर अत्याचार हो रहे है । वहां हिन्दुआेंकी घट रही संख्या का मुख्य कारण है धर्मांधों की जिहादी मानसिकता ! 

Wednesday, 7 March 2018

गौरी लंकेश हत्या मामला : हिंदुत्वनिष्ठोंकाे बलि का बकरा बनाने का कर्नाटक काँग्रेस का षड्यंत्र !

March 7, 2018

मंड्या (कर्नाटक) : देश को हिलानेवाले पत्रकार गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में एक छोटासा धागा ढूंढने में भी असफल रहा राज्य शासन क्या अब आनेवाले चुनाव को सामने रखकर उसका लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है ? इस संदेह की पुष्टि करनेवाली तथा इस प्रकरण में कोई संबंध न रहनेवाले व्यक्ति पर ‘हत्यारा’ का धब्बा लगाने के लिए सिद्ध, ऐसे एक रहस्य की अचूक जानकारी विजयवाणी, दिग्विजय न्यूज २४x७ को प्राप्त हुई है !
मुदुरू-मंड्या जिले के नवीन नामक हिन्दुत्वनिष्ठ युवक को अवैध रूप से कारतूस रखने के आरोप में हाल ही में पुलिस प्रशासन ने बंदी बनाया है। अब उसके विरोध में गौरी लंकेश की हत्या का आरोप लगाने का प्रयास चल रहा है ! नवीन को आरोपी ठहराने के लिए उसके एक मित्र को ही साक्षी के रूप में सामने लाने के लिए एसआयटी पुलिस ने षडयंत्र रचने का नाटक आज के दिन छूटे हुए नवीनकुमार के प्रिय मित्र गिरीश ने विजयवाणी, दिग्विजय न्यूज के सामने उजागर किया है !

नवीन को कहां बंदी बनाया गया ?

पुलिसकर्मियोंद्वारा दी गई जानकारी के अनुसार १८ फरवरी को मैजेस्टिक में कारतूस बेचते समय नवीन को बंदी बनाया गया; परंतु वास्तव में उसे १४ फरवरी को बिरुरू में उसके घर पर बंदी बनाए जाने की गिरीश ने जानकारी दी !
मुदुरू-मंड्या जिले के नवीन नामक हिन्दुत्वनिष्ठ युवक को अवैध रूप से कारतूस रखने के आरोप में हाल ही में पुलिस प्रशासन ने बंदी बनाया है। अब उसके विरोध में गौरी लंकेश की हत्या का आरोप लगाने का प्रयास चल रहा है !

नवीन का भाई तिम्मेगौड का मत

नवीनकुमार के मोबार्इल के आधार पर उसका मित्र अनिलकुमार को उसी दिन बंदी बनाया गया। १५ फरवरी को अभिलाष ने मुझे फोन कर लक्ष्मी देवालय के निकट बुलाया और वहां पहुंचते ही मुझे घेरकर जीप में डाला गया, ऐसा गिरीश ने कहा।
वो प्रश्‍न, जिनके उत्तर नहीं मिले हैं . . .
  • वर्ष २०१७ के सायं ५ को हुई गौरी लंकेश की हत्या, महाराष्ट्र में की गई डॉ. नरेंद्र दाभोलकर (२० अगस्त २०१३) की हत्या, कॉ. गोविंद पानसरे (१६ फरवरी २०१५), साथ ही कर्नाटक में की गई एम एम कलबुर्गी (३० अगस्त २०१५) की हत्या एक ही पद्धति से की गई है। हेल्मेट पहनकर आए आक्रमणकारियों ने बहुत निकट से माथे पर गोली मारी है। दोनों राज्यों के जांच दलों ने विशेष आयाम रखकर जांच करने का प्रयास किया है फिर भी अभीतक आरोपियों का पता नहीं लगा है !
  • गौरी प्रकरण में पुलिस ने रेखाचित्र निकाला किया था, जिसमें एक संदिग्ध के माथे पर कुंकुम लगाया गया था। इससे यह सरकार हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं को लक्ष्य बना रही है, ऐसा संदेह था। हेल्मेट पहने हुए व्यक्ति के माथे पर लगाया गया कुंकुम पुलिस को कैसे दिख पड़ा ?, इस बात से यह संदेह उत्पन्न हुआ !

४ लोगों को बंदी बनाया गया था

अवैधरूप से कारतूस रखने के आरोप में पुलिस प्रशासनद्वारा बंदी बनाए गए नवीनकुमार उपाख्य होट्टे मंज को ही बंदी बनाने का निश्चित किया गया था; परंतु वास्तव में तब पुलिस ने ४ लोगों को बंदी बनाया था। १४ फरवरी को नवीनकुमार को बंदी बनाए जाने के पश्‍चात १५ फरवरी को श्रीरंगपट्टण के अनिलकुमार, मुद्दुरू तहसिल के हेम्मनहळ्ळी गांव के गिरीश, कस्तुर के अभिलाष को भी बंदी बनाया गया था। १५ फरवरी को न्यायालयद्वारा पुलिस हिरासत देना अस्वीकार करने के पश्‍चात इन तीनों को पुलिस ने छोड दिया है !

प्राण संकट में होने का भय

एक ओर इस प्रकरण में मेरे मित्र को ‘फिक्स’ करने का प्रयास दिखाई देता है, तो दूसरी ओर मुझे मेरी जान को धोका हैं ! राजनीतीक दबाव को बलि चढकर पुलिस प्रशासन ने हमें इस बडे प्रकरण में फंसाने का निश्‍चय किया है। कुछ मिडिया निराधार विचारों का प्रसार कर नवीनकुमार को आरोपी के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, ऐसा कहते समय गिरीशकुमार की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने ऐसा प्रतिपादन किया है कि यदि नवीनकुमार दोषी है, तो उसे उचित दंड मिले; परंतु राजनीतिक लाभ के लिए किसी हिन्दुत्ववादी को बलि मत चढाईए !

गिरीश ने क्या बताया ?

प्रश्‍न : नवीनकुमार के संबंध में आपको क्या जानकारी है ?
गिरीश : हम विगत अनेक वर्षों से मित्र हैं। उनके हिन्दुत्वनिष्ठ विचार मुझे अच्छे लगने से मैं उनके साथ जुड गया। वे मुझे अपना छोटा भाई मानते हैं !
प्रश्‍न : पुलिस ने उनको बंदी क्यों बनाया ?
गिरीश : नवीन हिन्दू युवासेना की स्थापना कर संघर्ष कर रहे थे। मुदुरू में ईसाईयोंद्वारा हिन्दुओं के धर्मांतर की घटनाएं बढ रही थी। २ मास पहले उन्होंने अपना संघर्ष अधिक तीव्र बनाया था। उस समय बेंगळुरू के नगरविकास मंत्री के.जे. जॉर्ज ने पुलिस थाने में दूरभाष कर नवीनकुमार के विरोध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था !
प्रश्‍न : तो क्या इस एक कारण के लिए इतना बडा प्रकरण ?
गिरीश : केवल इतना ही नहीं ! के.एम. दोड्डी में विवादित भूमिपर मस्जिद खडी की जा रही थी। उसकी जानकारी मिलते ही नवीनकुमार ने उसके विरोध में संघर्ष किया। उस समय एक संघटनद्वारा उनकी हत्या की धमकी दी गई थी। इस कारणवश पुलिस प्रशासन ने उनको कुछ दिन बाहर रहने का सुझाव दिया था; इसलिए वे बिरुरू में ठहरे थे !
प्रश्‍न : आप को बंदी बना के उन्होंने क्या किया ?
गिरीश : १५ फरवरी को अभिलाष एवं मुझे बंगळुरू ले जा या गया। हमें कहां ले जाया जा रहा है, यह हमारी समझ में न आए; इसके लिए हमें सर नीचे कर बिठाया गया। तब हमारा वाहन तुमकूर के मार्गपर होने का मुझे ध्यान में आया। वहां से कुछ दूरीपर हमारा मुख टॉवेल से ढक दिया गया तथा उसके पश्‍चात हमें एक रिसॉर्ट में ले जाया गया। दो लोग हमारे सामने ही नवीनकुमार को खींचते हुए लेकर आ गए। अण्णा से बहुत मारपीट की गई थी। उनको देखकर मुझे रोना आ गया। मुझे ऐसा लगा कि धर्मांतर तथा अवैध मस्जिद निर्माण के विरोध में संघर्ष करने के कारण उनको बंदी बनाया गया होगा !
प्रश्‍न : रिसॅार्ट में क्या किया गया ?
गिरीश : १९ फरवरी को हम तीनों के विरोध में रेल स्थानक पर संदेहजनक स्थिति में घूमने का आरोप लगाकर अभियोग पंजीकृत किया गया। उसके पश्‍चात हमें रिसॉर्ट ले जाकर वहां हमारा उत्पीडन किया गया। वहां हमारे साथ अश्‍लील भाषा में गालीगलोच की गई।
प्रश्‍न : पुलिसकर्मियों का आपके साथ व्यवहार कैसा था ?
गिरीश : उसका शब्दों में वर्णन करना संभव नहीं है; परंतु इस प्रकरण के प्रति उनमें भी भय है; क्योंकि राजनीतिक दबाव के कारण वे हमें बलि चढाने का प्रयास कर रहे हैं ! ‘‘महाराष्ट्र में भी जांच चल रही है। वहां यदि हम झूठे सिद्ध हो गए, तो हमारी लज्जा भी नहीं बचेगी’’, उनको ऐसा बोलते हुए मैने सुना है !

इलेक्शन का टेन्शन तथा निर्दोष की बलि चढाई जाना !

राज्य सरकार विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर को रोकने का प्रयास कर रही है; परंतु राज्य में हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं की हत्याएं राज्य शासन के लिए सिरदर्द बन गया है। इसका पहले से ही संदेह है कि राज्य सरकार गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में हिन्दू संघटनों को फंसाकर भाजपा की मानहानि का प्रयास कर रही है। श्री. नवीनकुमार को बंदी बनाया जाना, इसकी पुष्टि करता है। गौरी हत्या प्रकरण में पुलिस ने श्री. नवीनकुमार को लक्ष्य क्यों बनााया ?, इतनी शीघ्रता से पुलिस प्रशासन जांच क्यों कर रहा है ?, ऐसे प्रश्‍न उत्पन्न हो रहे हैं। चुनाव के समय लोगों के मन पर इस प्रकार के सूक्ष्म विचारों का प्रभाव होता है। उसमें भी आंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रहे गौरी लंकेश हत्या प्रकरण का रहस्यभेदन करने की अपेक्षा हत्या करनेवालों की पार्श्वभूमि महत्त्वपूर्ण है !
इसके लिए दाहिनी विचारधारावाले भाजपा तथा हिन्दू संघटनों से संपर्क में होनेवाले व्यक्ति को आरोपी प्रमाणित करना आवश्यक था, ऐसी शंका उत्पन्न हो रही है ! संदिग्ध आरोपी श्री. नवीन हिन्दुओं के संघर्ष में अंतर्भूत थे। साथ ही उनकी भाजपा और हिन्दू संघटनों के नेताओं से निकटता थी। उनको शस्त्र रखने के कानून के अंतर्गत बंदी बनाकर गौरी प्रकरण में उनको फंसाने का यह एक राजनीतिक षडयंत्र है, यह आरोप है।
श्री. नवीन को प्रमुख आरोपी बनाया गया, तो चुनाव समाप्त होनेतक इस प्रकरण की आग जलती रहेगी ! उसके पश्‍चात न्यायालय में क्या होगा ?, इसके साथ किसी को कोई लेना-देना नहीं है ! आज के दिन चल रही जांच तो पूर्व नियोजित षडयंत्र है, ऐसा दिखाई देता है !

Wednesday, 14 February 2018

मिस्त्र : अश्लीलता फैलाने के आरोप में रूसी बेली डांसर इकाटेरीना एंड्रीवा गिरफ्तार, भारत में एेसी कार्यवार्इ कब ?



रूस की बेली डांसर इकाटेरीना एंड्रीवा को मिस्त्र में अश्लीलता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है । ३१ वर्षीय एंड्रीवा ने मिस्त्र के गीजा के एक नाइटक्लब में डांस किया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी कर ली गई । हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया ।
रिपोर्ट्स के अनुसार डांस के दौरान बेली डांसर ने जो कपडे पहने थे वह काफी अश्लील थे और बहुत ही ज्यादा उत्तेजित करने वाले थे । इसलिए पुलिस ने बेली डांसर की गिरफ्तारी की थी । नाइटक्लब में एंड्रीवा द्वारा किए गए डांस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ । वीडियो इतना वायरल हो गया कि पुलिस की नजर भी इस पर पड गई, जिसके बाद एंड्रीवा को गिरफ्तार कर लिया गया ।
मेल ऑनलाइन के अनुसार गवहारा उर्फ इकाटेरीना एंड्रीवा का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें वह बैकलेस ड्रेस पहनी हुई दिख रही हैं । उनकी ड्रेस एक तरफ से कमर तक कटी हुई है । इसके अलावा उनके ऊपर बिना अंडरगार्मेंट पहनें डांस करने का भी आरोप लगा है । पुलिस का कहना है कि इस तरह के कपडे पहनकर अश्लील डांस करने के कारण युवा भटक सकते हैं । युवाओं के लिए यह काफी अनैतिक है ।
मिस्र के अभियोजक हातिम फदल का कहना है, ‘एंड्रीवा ने बिना अंडरगार्मेंट पहनें डांस किया, जो कि बहुत अश्लील था ।’ इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि एंड्रीवा के पास काम करने के लिए जरूरी लाइसेंस भी नहीं है । इस मामले में अगला कदम क्या होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, फिलहाल एंड्रीवा के डांस पर रोक लगा दी गई है ।

1 comment:

  1. पाॅर्न, अश्लीलता ये एेसे शब्द है जिन्हे भारतीय सभ्यता में कोर्इ स्थान नही है इसे सुनने में हमे शरम महसुस होती है । परंतु इसी पॉर्न फिल्म देखने में आज भारत ४ थे स्थान पर है । पॉर्न अभिनेत्री सनी लिआेन गुगल में सर्च होनेवाली पहले नंबर में है यानी लोग इसे ज्यादा सर्च करते है । कॅनडा मूल की सनी लिआेन ने भारत में आकर अश्लील फिल्मों में काम किया आैर लाेगों ने उसे पसंद किया । उसके बाद अमेरिकी पोर्न फिल्मों की अभिनेत्री मिया मालकोवा भी पाॅर्न फिल्मे कर रही है । आैर इन्हे यह अवसर देनेवाले निर्माता है राम गोपाल वर्मा जिन्होने मार्च २०१७ में कहां था, ‘दुनिया की हर महिला पुरुष को ऐसी खुशी दे जैसी सनी लियोन देती हैं !’ इस से उनका महिलाआें की आेर देखने का नजरीया साफ हो रहा है । यह बात हम इसलिए याद दिला रहे है क्योंकी जहां भारत में अश्लिलता को इतना खुले आम दिखाया जाता है की उससे आज के युवाआें की हाेनेवाली हानी की आेर नजरअंदाज किया जा रहा है । परंतु हाल ही मिस्त्र ने जो कदम उठाया है उसे देख लग प्रश्न उठ रहा है कि, क्या देव, ऋषिमुनियों के पावन भूमि में एेसा कदम भारत उठाएगा ? अपनी सांस्कृतिक पहचान बरकरार रखने के लिए देश में अश्लीलता फैलानेवाले लोगोंपर कार्यवार्इ करेगा ?