Friday, 20 October 2017
यदि पटाखों से ध्वनि प्रदूषण होता है, तो अजान के लाउडस्पीकर पर चुप्पी क्यों : तथागत रॉय, त्रिपुरा गवर्नर
पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लेकर त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने दिवाली पर पटाखे फोड़ने का समर्थन करते हुए कहा है कि दिवाली पर पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर जंग छिड़ जाती है। लेकिन सुबह साढ़े चार बजे होने वाली अजान पर कोई बात नहीं होती। मंगलवार को उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर लिखा कि हर बार दिवाली पर पटाखों से फैलने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर जंग छिड़ जाती है। साल के सिर्फ कुछ दिनों तक। किंतु सुबह साढ़े चार बजे लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान को लेकर कोई बहस नहीं होती।
अगले ट्वीट में उन्होंने यह भी कहा कि, अजान से फैलने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सेक्युलर लोगों का चुप रहना उन्हें हैरान करता है। उन्होंने आगे बताया कि कुरान या हदीस नहीं कहते कि लाउडस्पीकर के जरिए अजान पढ़ी या पढ़ाई जाए। मुअज्जिन मीनारों से अजान को चिल्ला कर पढ़ते हैं, जिसके लिए मीनारें बनी हैं। लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल इस तरह से इस्लाम का विरोध करता है।
रॉय का यह बयान तब आया है, जब सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली और एनसीआर इलाके में दिवाली पर वायु और ध्वनि प्रदूषण के मद्देनजर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। कोर्ट का कहना था कि ऐसा कर के दोनों ही जगहों पर वायु की गुणवत्ता मापी जाएगी।
स्त्रोत : जनसत्ता
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जुल्म : पुलिसवालों ने घर से निकालकर पीटा
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की रिपोर्ट्स अक्सर आती रहती हैं । प्रसिध्द कॉलमनिस्ट व लेखक तारिफ फतेह ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें पुलिस की वर्दी पहने कुछ जवान घरों में तोडफोड करते दिख रहे हैं । फतेह का दावा है कि, वीडियो ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान’ का है जहां पुलिस ईसाइयों के घरों पर हमला कर रही है । वीडियो में दिख रहा है कि, काली वर्दी पहने युवक घरों में घुसते हुए लोगों पर डंडे बरसाते चले जाते हैं । कुछ महिलाएं चीखती-पुकारती हुई निकलती हैं तो उन्हें भी पीटा जाता है । कुछ लडकों को युवक उठा कर भी ले गए ।
पाकिस्तान में ईसाइयों पर हमलों की खबरें आती रही हैं । मार्च २०१५ में लाहौर के गिरजाघरों में दो धमाके हुए थे जिसमें १४ लोग मारे गए थे और ७० घायल हुए थे । २००९ में पंजाब के गोजरा इलाके में भीड ने ४० घरों को फूंक दिया था । जिसमें ८ ईसाइयों की जलकर मौत हो गई थी ।
हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि, यहां हर साल लगभग एक हजार लडकियों को शादी के लिए जबरन मुसलमान बनाया जाता है । इसकी रोकथाम के लिए पंजाब के पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवां प्रांतों में हिंदू विवाह विधेयक पारित किया गया था ।
यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र ध्यान में आते है, जैसे कि :
१. पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देशों में अल्पसंख्यंकों पर अत्याचार होना अब कोर्इ नर्इ बात नहीं है । भारत भी पिछले सैकडो सालों से इस्लामी आतंकवाद का सामना कर रहा है आैर यह लडार्इ आज भी शुरू है ।
२. पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देश में हिन्दूआें की दु:स्थिती को भारतीय हिन्दूआें ने जानकर यह स्थिती भारत मे उत्पन्न ना हो इसलिए जागृत होकर संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है । आज भारतीय हिन्दू जिहादी आतंकवाद, लव जिहाद जैसे माध्यमों से जिहाद का शिकार बन रहे है । परंतु कर्इ हिन्दू एैसे है जो ‘सर्वधर्मसमभाव’ का चष्मा पहने हुए है आैर इसलिए उन्हें भविष्य में उनपर क्या संकट आ सकता है इसका अंदाजा नहीं लगा सकते ।
३. भारत में किसी भी चर्च पर एक पत्थर भी फेका जाता है तो उसे Breaking News बनानेवाली मिडीया तथा सभी सेक्युलर कार्यकर्ता क्या अब पाकिस्तान के पुलिस को ‘सेक्युलरिजम’ का पाठ पढाएंगे ? या ‘सर्वधर्मसमभाव’ का आचरण केवल हिन्दूआें ने ही करना चाहिए एैसा इन्हें लगता है ?
कुरान पढने में सुखद और आनंददायक नहीं है : सलमान रश्दी
विवादित पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ के लेखक सलमान रुश्दी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार चर्चा में होने की वजह है इस्लाम के पवित्र धर्मग्रंथ कुरान पर दिया गया था उनका बयान। सलमान रुश्दी ने कहा है कि कुरान पढने में सुखद और आनंददायक नहीं है। ब्रिटेन में चेलटेनहम लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं कुरान नहीं पढ पाता हूं, क्योंकि ये मुझे मजेदार नहीं लगता है।
विवादित पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ लिखने के लिए इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर लगभग ३० साल रहने वाले सलमान रुश्दी फिर से मुसलमानों के निशाने पर आ सकते हैं। १९८८ में प्रकाशित ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को दुनिया भर के मुसलमानों ने ‘ईश निंदक’ करार दिया था। उनकी इस किताब को लेकर मुस्लिम समुदाय में इस कदर गुस्सा भडका था कि कई लोगों ने उनकी हत्या के लिए फतवा जारी किया था। इसमें ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु अयातुल्लाह खुमैनी का फतवा सबसे चर्चा में रहा था। उन्होंने सलमान रुश्दी की हत्या करने वालों को लाखों डॉलर देने की घोषणा की थी।
संदर्भ : जनसत्ता
बांग्लादेश : जबरन छुट्टी पर भेजे गए देश के पहले हिन्दू प्रधान न्यायधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा
बांग्लादेश के पहले हिन्दू प्रधान न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है ! यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब सरकार उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के महाभियोग से सरकार का अधिकार समाप्त करने के उनके निर्णय को लेकर उनसे नाखुश है । सिन्हा शुक्रवार रात को आस्ट्रेलिया रवाना हो गए । उन्होंने कहा कि, वह जुलाई के अपने निर्णय पर उत्पन्न हुए विवाद को लेकर आहत हैं । उन्होंने सरकार के इन दावों को भी खारिज किया कि, वह बीमार हैं !
ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले उन्होंने कहा, ‘‘मैं न्यायपालिका का संरक्षक हूं, न्यायपालिका के हित में, मैं अस्थायी रूप से रवाना हो रहा हूं ताकि उसकी छवि को नुकसान नहीं पहुंचे । मैं वापस आऊंगा !’’ सिन्हा ने कहा कि, वह दृढ़ता से इस बात को मानते हैं कि, हालिया निर्णय को लेकर उनके रुख को सरकार ने गलत समझा, जिससे प्रधानमंत्री शेख हसीना नाखुश हैं । उन्होंने उम्मीद जताई कि, वह तथ्यों को जल्द महसूस करेंगी । सिन्हा ने विधि मंत्री अनीसुल हक के उनकी बीमारी के बारे में दावे को भी खारिज किया ।
उन्होंने लिखित बयान भी जारी किया । सरकारद्वारा ३ अक्तूबर से उनकी एक महीने की बीमारी की छुट्टियां घोषित किए जाने के बाद मीडिया के साथ यह उनका पहला संवाद है । उल्लेखनीय है कि, बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश सुरेन्द्र कुमार सिन्हा अपने एक बयान को लेकर कुछ महीनों पहले चर्चा में आ गए थे । प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश की तुलना पाकिस्तान से करने को लेकर उनकी आलोचना की थी । साथ ही उन पर देश का अपमान करने का आरोप लगाया था !
इस मुस्लिम बहुसंख्यक देश में सिन्हा उच्चतम न्यायालय के प्रथम हिन्दू प्रधान न्यायाधीश हैं । न्यायमूर्ति सिन्हा ने पाकिस्तान के शीर्ष न्यायालयद्वारा वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से हटाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा था कि, बांग्लादेश की न्यायपालिका काफी संयम रही है । सिन्हा ने न्यायालय में सुनवाई के दौरान कहा था, ‘‘हम बहुत-बहुत धैर्यवान हैं । पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री को हटा दिया । क्या इस पर कोई आलोचना हुई ? नहीं !’’
स्त्रोत : जनसत्ता
Monday, 25 September 2017
अमरावती (महाराष्ट्र) के श्री अंबादेवी संस्थान के भूमी व्यवहार में घोटाला
महाराष्ट्र के अमरावती शहर में स्थित श्री अंबादेवी माता का प्राचीन मंदिर पूरे क्षेत्र में सुप्रसिद्ध है, तथा दूर दूर से श्रद्धालू माता के मंदिर में दर्शन के लिए आते है । परंतु हाल ही में प्रसिद्ध हुए धर्मादाय सहआयुक्त कार्यालय के रिपोर्ट में कुछ चौका देनेवाले सत्य सामने आए है । इनमें से कुछ सूत्र इस प्रकार है :
१. श्री अंबादेवी संस्थान के भूमी से संबंधित पंजिका/हिसाब सूची संग्रहित ना करने के कारण भूमीविषयक अद्ययावत जानकारी उपलब्ध नहीं है । संस्थान की कर्इ जगह की भूमी विश्वस्तों ने बेच दी है । कुछ भूमी डैम या अन्य शासकीय प्रकल्प के लिए अधिग्रहित की गर्इ है ।
२. कुछ भूमी के संदर्भ में न्यायालय में केस चल रहे है । न्यायालयीन प्रक्रिया में आवश्यक कृती करने में विश्वस्त कम पड रहे है । इस विषय में भूमी संस्थान के कब्जे में लेने के लिए आवश्यक कारवार्इ करने में विश्वस्त कम पड रहे है ।
३. प्राचीन मंदिर के कुछ भाग जीर्णावस्था में है, जिनकी मरम्मत ना होने के कारण वे कभी भी गिर सकते है ।
४. भक्तों से प्राप्त हुए पैसे का उपयोग अन्य कारणों के लिए ही किया जा रहा है । इस दान का उपयोग मंदिर के विकास के लिए नहीं किया जा रहा है । इस कारण भक्तों में भी असंतुष्टता फैली है ।
यह वार्ता पढकर कुछ विचार ध्यान में आते है :
१. जिस भगवान को सबकुछ पता होता है, जो हमें जीवन में सबकुछ प्रदान करता है, उस भगवान के लिए सदैव कृतज्ञ रहना चाहिए । परंतु कुछ तथाकथित भक्त भगवान की भूमी को अपने लिए बेचकर भ्रष्टाचार कर रहे है, तो क्या एैसे हिन्दुआें पर भगवान कभी कृपा करेंगे ? एैसा वर्तन करना यह अधर्म ही है तथा इस प्रकार का अधर्म कर भगवान के यह तथाकथित भक्त महापाप के ही भागीदार बन रहे है ।
२. भारत को स्वातंत्र्य प्राप्त होने के उपरांत किसी भी शासनकर्ता ने जनता को धर्मशिक्षा तथा साधना ना सिखाने के कारण ही आज हर जगह भ्रष्टाचार फैल चुका है । यह स्थिती बदलने हेतु हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अनिवार्य हो चुका है । हिन्दू राष्ट्र में सभी को धर्मशिक्षा मिलेगी आैर इस कारण कोर्इ मंदिर में ही क्या किसी भी छेत्र में भ्रष्टाचार करने का विचार भी किसी नागरिक के मन में नहीं आएगा ।
३. अब धर्माभिमानी हिन्दुआें की यही अपेक्षा है की श्री अंबादेवी संस्थान में हो रहे इस भ्रष्टाचार के लिए जो भी व्यक्ति उत्तरदायी है, उन सभीपर कडी से कडी कारवार्इ प्रशासन ने करनी चाहिए ।
Subscribe to:
Comments (Atom)



